Thursday, March 3, 2016

तीन लोक चेरी भये

तीन लोक चोरी भई, सबका धन हर लीन्ह।
बिना सीस का चोरवा, पड़ा न काहू चीन्ह।।


अर्थः-परमसन्त श्री कबीर साहिब जी का वचन है कि तीनों लोकों में चोरी 

हो रही है। हर किसी की गाँठ से सुख शान्ति का धन चुरा लिया जाता है 

परन्तु बिना सीस का वह चोर किसी को नज़र नहीं आता।

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